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कर्तव्य क्या है? कर्तव्य का अर्थ और परिभाषा और प्रकार kartavya ka arth kya hota hai

कर्तव्य क्या है? कर्तव्य का अर्थ और परिभाषा और प्रकार kartavya ka arth kya hota hai



कर्तव्य क्या है? कर्तव्य का अर्थ और परिभाषा और प्रकार kartavya ka arth kya hota hai


कर्तव्य का अर्थः-


किसी भी विशेष कार्य को करने या न करने के संबंध में व्यक्ति के उत्तरदायित्व को कर्तव्य कहा जा सकता है। दूसरे शब्दों में, जिन कार्यों के संबंध में समाज एवं राज्य सामान्य रूप से व्यक्ति से यह आशा करते हैं कि  उसे वे कार्य करना चाहिए, वे कार्य ही व्यक्ति के कर्तव्य कहे जा सकतें हैं


कर्तव्य समाज और राज्य, देश की उन व्यवस्थाओं को कहा जाता है जिसके द्वारा व्यक्ति के लिए समाज एवं राज्य  हेतु हितकर कार्यों को करना तथा अहितकर कार्यों को नही करना उचित और महत्वपूर्ण माना है। कर्तव्य व्यक्ति के उत्तरदायित्व होते हैं।

कर्तव्य की परिभाषाः-


1. डॉ. जाकिर हुसैन के शब्दों- ’’कर्तव्य आज्ञा का अंधाधुध पालन करना नही हैं, बल्कि यह अपने बंदिशों और जिम्मेदारियों को निभाने की तीव्र इच्छा है।


2. के एपिक्टेटस के शब्दों में- ’’यह नागरिक का कर्तव्य  है कि वह अपने हितों को दूसरों के हितों से बिल्कुल अलग न समझे।


3. हॉबहाउस ने लिखा है कि- ’’अधिकार व कर्तव्य सामाजिक कल्याण की दशॉए हैं। समाज  के प्रत्येक सदस्य का इस कल्याण के प्रति दोहरा दायित्व है। अधिकार एक मॉग है तो कर्तव्य दूसरी। मेरे अधिकार समाज के अन्य व्यक्तियों का कर्तव्य निर्धारित करतें है और अन्य सदस्यों के अधिकार मेरे कर्तव्य निर्धारित करते हैं।


4.बैनी प्रसाद के शब्दों में- ’’ अधिकार और कर्तव्य को हम सही रूप में देख सकते हैं। ये एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि कोई उनको अपनी दृष्टि से देखता है तो उसका अधिकार है और यदि कोई उन्हें दूसरी दृष्टि से देखे तो उसके कर्तव्य है।


5. प्रो लास्की के अनुसार- ’’मेरा अधिकार तुम्हारा कर्तव्य है।’’


6. महात्मा गॉधी ने इस विषय में लिखा है कि- ’’अधिकार का सच्च स्त्रोत है कर्तव्य। यदि हम सब अपने कर्तव्यों का पालन करें, तो अधिकारों को खोजनें की जरूरत ही नही पडेगी। यदि कर्तव्यों की उपेक्षा करके हम अधिकारों के पिछे पड़े, तो हमारी खोज मृगतृष्णा की तरह व्यर्थ होगी। जितने हम अधिकारों का पीछा करेंगें, उतना ही वे हमसे दूर होंगें।’’


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कर्तव्य के प्रकारः-


1. नैतिक कर्तव्यः- नैतिक कर्तव्य को सामान्य रूप से समझे तो यह वे कर्तव्य है जिनका संबंध मनुष्य की नैतिकता, अंतःकरण और व्यक्ति के उचित और अनुचित की प्रवृत्ति पर निर्भर करता है। अतः मनुष्य को नैतिक रूप से किये जाने वाले कार्य ही नैतिक कर्तव्य है। इन कर्तव्यों का पालन करवाने के लिए दण्ड  का प्रयोग नही किया जाता है। व्यक्ति को नैतिक कर्तव्यों के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए। नैतिक कर्तव्यों के पालन करने से ही व्यक्ति समाज में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करता है।


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प्रमुख नैतिक कर्तव्यः-


अ) व्यक्ति का समाज के प्रति यह कर्तव्य है कि  वह सामाजिक बुराइयों और रूढियों को मिटाने का प्रयास करें। अंधविश्वासों एवं ढोंग पाखंड आदि पर विश्वास न करें, तथा असहाय दीन दुखियों की मदद करें।


ब) प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने परिवार, समाज, नगर, राज्य, राष्ट्र की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं सफाई आदि के प्रति जागरूक हो और दूसरों को भी जागरूक करें।


स) प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह अपने परिवार के प्रति उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। सभी परिवारजनों के प्रति सदभाव, प्रेम, सहानुभूति व सहयोग के भाव को प्रदर्शित करें। अपने परिवार के हर सुख दुख में खड़ा रहे।


द)प्रत्येक व्यक्ति को अपने विकास के लिए सतसंकल्पित होना चाहिए । उसे स्वस्थ, संयमी, अनुशासनप्रिय, शिक्षित तथा परोपकारी होना चाहिए।


इ) प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह मानवता के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। व्यक्ति को विश्व शांति और विश्वबंधुत्व की और अग्रसर होना चाहिए। वहीं  उसे संपूर्ण मानवीय समाज के कल्याण के लिए हर संभव कार्य करना चाहिए।


2. वैधानिक कर्तव्यः- वैधानिक कर्तव्य वे कर्तव्य है जिनका मुख्य स्त्रोत कानून होता है। इसका पालन करना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर नही रहता है। व्यक्ति वैधानिक कर्तव्यों का पालन करने के लिए बाध्य होता है।


3. राजनीतिक कर्तव्यः- राजनीतिक कर्तव्य वो कर्तव्य होते हैं जिनका व्यक्ति राज्य में राजनीतिक प्रक्रियाओं में सहभागी बनने हेतु पालन करता है। प्रमुख राजनीतिक कर्तव्य निम्न है।


अ)राज्य के हित को सर्वोपरि माननाः- प्रत्येक नागरिक का पहला राजनीतिक कर्तव्य यह है कि वह राज्यहित को सभी हितों से सर्वोच्च माने। राज्य के हितों में व्यक्ति के हित निहीत होतें हैं। उहाहरण के लिए यदि देश पर कोई बाहरी आक्रमण होता है तो प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह अपनी क्षमतानुसार राज्य के हितों की रक्षा करें, क्योंकि यदि राज्य दूसरे देश का पराधीन हो गया तो उसके भी सारे अधिकार छिन लिये जायेंगें। इस प्रकार देश की अखण्डता की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।


ब) कानून के प्रति निष्ठा रखना और कानून का पालन करनाः- प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता है कि वह देश के संविधान और कानून व्यवस्था का सम्मान करें। यदि कोई कानून उनके हित के विरूद्ध भी है तो वह सिधे तौर पर कानून का उल्लंघन न करे वह कानून की अवेहलना न करे, बल्कि उसे जनमत का निर्माण करके कानून में बदलाव करने का प्रयास करने चाहिए। इस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को कानून के प्रति निष्ठा रखनी चाहिए। और आदर पूर्वक कानून का पालन करना चाहिए। कानून का पालन न करने पर राज्य व्यक्ति को दण्डित कर सकता है।


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स) राज्य के प्रति पुर्ण निष्ठा रखनाः- नागरिकों को अपने राज्य के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए। राज्य के प्रति पूर्ण निष्ठा होनी चाहिए। नागरिक युद्ध के समय सैनिक सेवा देकर, राज्य के कर्मचारियों को सहायता पहुॅचाकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।


द) सार्वजनिक पदों पर इमानदारी से कार्य करः- यह  नागरिकों का परम कर्तव्य होता है कि यदि वह राज्य के कर्मचारियों के पद पर है तो वह अपने दायित्वों का पालन पूर्ण निष्ठा और इमानदारी से करे। जिस देश के कर्मचारी अपने दायित्वों का पालन पूर्ण निष्ठा से करते हैं वे राज्य मजबुत होते हैं तथा उस राज्य के नागरिकों को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता है।


इ) मताधिकार का सावधानीपूर्वक प्रयोगः- देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वे मतदान करें । मतदान करने तक उनके कर्तव्यों का निर्वहन नहीं हो जाता बल्कि मतदान करते समय सावधानी रखना भी उनका कर्तव्य है। नागरिक को धर्म, जाति, संप्रदाय आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए । योग्य व्यक्ति व राजनीतिक दल को चुनना चाहिए जो सत्ता में आकर लोक कल्याणकारी कार्य करें। व्यक्ति को किसी भी प्रकार के प्रयोजन व बहकावे में आकर मतदान नहीं करना चाहिए।  


उ) करों का भुगतान करनाः-प्रत्येक व्यक्ति का यह परम कर्तव्य है कि वह राज्य द्वारा निर्धारित किये गये करों का भुगतान समय समय पर करें। करों के द्वारा प्राप्त राशि से ही कई योजनांए व विकास कार्यक्रम चलाये जाते हैं अतः  हमें राष्ट्र को प्रगति की और ले जाने के लिए नियमित रूप से आरोपित करों का भुगतान करना चाहिए।


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