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नागरिकता का अर्थ, परिभाषा, नागरिकता प्राप्त करने की शर्ते व नागरिकता त्यागने के तरिके

नागरिकता का अर्थ, परिभाषा, नागरिकता प्राप्त करने की शर्ते व नागरिकता त्यागने के तरिके


 नागरिकता का अर्थ, परिभाषा, नागरिकता प्राप्त करने की शर्ते व नागरिकता त्यागने के तरिके


"Knowledge with Ishwar"


नागरिकता का अर्थः


नागरिकता से आशय किसी राज्य में निवास करने वाले उन नागरिको से है जिन्हें राज्य के द्वारा कुछ अधिकार दिये गये हों एवं जिनके राज्य  के प्रति कुछ कर्तव्य हो जिनका पालन करना अनिवार्य हो। जो देश की राजनीतिक गतिविधीयों में बढचढकर हिस्सा लेते हैं और जो देशभक्त हो।


दूसरे शब्दों में नागरिक वे है जिन्हें राज्य की और से सभी नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार प्रदान किये गये हो और जो उस राज्य के प्रति विशेष भक्ति रखते हों।

सभी व्यक्ति विश्व के किसी न किसी देश के नागरिक अवश्य है।


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नागरिकता की परिभाषाः-नागरिकता के संबंध में विभिन्न विद्वानोें के मत निम्नानुसार हैः-


1. अरस्तू के शब्दों में- ’’नागरिक राज्य में वह व्यक्ति है, जिसको राज्य के प्रबंध विभाग और न्याय विभाग में भाग लेने का पूर्ण अधिकार हो।’’


2. लॉस्की के शब्दों में- ’’ अपनी शिक्षित बुद्धि को लोकहित के लिए प्रयुक्त करना ही नागरिकता हैं।’’


3. ब्लेकवेल के अनुसार- ’’नागरिकता  का अर्थ एक राज्य की पूर्ण और उत्तरदायित्व भरी सदस्यता है।े


4. जे. एम. विर्लेट के अनुसार- ’’ नागरिक राजनीतिक बंधन का सूत्र है और यह इसकी प्रकृति पर निर्भर करता है कि वह कितना मजबुत है।’’


5. डी. डब्ल्यू. ब्रोगन के अनुसार- ’’ नागरिकता के दो पहलू है- प्रथम, प्रत्येक नागरिक का यह अधिकार है कि राजनीतिक समाज के प्रबंध में उसकी सलाह ली जाये तथा इस विचार विमर्श में अपना योगदान दे तथा दूसरा, इसका विपरित  कि जब प्रत्येक नागरिक को परामर्श में सम्मिलीत होने का अधिकार है, तो वह इस परामर्श के परिणामों से भी बाध्य है।


6. बैटेल के शब्दों में- ’’ नागरिक समाज के सदस्य है, समाज के कुछ कर्तव्यों से आबद्ध है, उसकी सत्ता  के अधिन है और सभी लोगों में बराबर की अधिकारी है।


7. टी. एच. मार्शल ने लिखा है कि- ’’नागरिकता किसी सामाजिक समुदाय की संपूर्ण सदस्यता के साथ जुड़ी हुई प्रतिष्ठा और जिन्हें यह प्रतिष्ठा हांसिल हो, वे नागरिक है।


8. प्रो विलियम बायॅड के अनुसार- ’’अपनी निष्ठाओं को उचित प्रकार से निभाना ही नागरिकता है।’’


9. वाटल ने लिखा है कि- ’’नागरिक किसी समाज के वे सदस्य होते हैं जो उस समाज के प्रति एकसमान कर्तव्यों से बंधे होते हैं, एक सत्ता के अधिन होते हैं और उस सत्ता से होने वाले लाभों में समान रूप से भागीदार होते हैं। 


 नागरिकता का अर्थ, परिभाषा, नागरिकता प्राप्त करने की शर्ते व नागरिकता त्यागने के तरिके



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नागरिकता प्राप्त करने की शर्तेः-


1. जन्मजात नागरिकताः-


अ) रक्त अथवा वंश के आधार परः- इस प्रकार की नागरिका में बच्चों को उनके पिता  के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। वह अपने पिता के राज्य का नागरिक बन जाता है। इस प्रकार की नागरिका का निर्धारण रक्त अथवा वंश की नागरिकता से हो जाता है।


2. जन्म स्थान के आधार परः-  कई देशों में जन्म स्थान कें आधार पर नागरिकता प्राप्त हो जाती है, अर्थात शिशु जिस देश में जन्म लेता है उसे उस देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है। चाहे उसके माता पिता किसी अन्य देश के नागरिक क्यों न हो।


ब) देशीयकरण के आधार परः- यह एक वैधानिक प्रक्रिया होती है जिसमें निर्धारित कि गयी शर्तों को पुरा करने पर नागरिकता प्राप्त हो जाती है।


1. विवाह द्वारा नागरिकताः- यदि किसी देश की महिला दूसरे देश के पुरूष के साथ विवाह करती है तो उसे अपने पति के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है तथा उसकी नागरिकता अपने देश से स्वतः समाप्त हो जाती है।


2. गोद लेने की प्रक्रिया द्वाराः- यदि कोई व्यक्ति या पालक दूसरे देश से बच्चों को गोद लेता है तो उस बच्चे को गोद लेने वाले माता पिता के देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।


3. निश्चित अवधि तक निवास करने परः- यदि कोई विदेशी किसी अन्य देश में उस देश की नागरिकता प्राप्त करने की निश्चित समयावधि तक निवास कर लेता है और वह अपने देश की नागरिकता का त्याग कर निवासरत देश में नागरिकता प्राप्त करने का आवेदन करता है तो उसे निवासरत देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।


4. किसी देश पर विजय प्राप्त करने परः- यदि किसी देश द्वारा अन्य किसी देश के हिस्से पर युद्ध द्वारा विजय प्राप्त कर लेता है तो उस विजय किये गये हिस्से पर निवास करने वाले निवासीयों को जीतने वाले देश की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।  


5. संपत्ति की खरीद द्वाराः- यदि किसी देश के नागरिक द्वारा विदेश में संपत्ति की खरीद की जाती है तो उससे उसे संबंधित राज्य की नागरिकता हासिल हो जाती है।


6. सरकारी नौकरी अथवा सेवा द्वारा नागरिकता की प्राप्तिः- यदि किसी देश का नागरिक किसी अन्य देश में शासकीय सेवा या नौकरी करता है या वहां पर कोई शासकीय पद ग्रहण करता है तो इसके परिणामस्वरूप उस व्यक्ति को संबंधित राज्य की नागरिकता प्राप्त हो जाती है।


7. स्वइच्छा सेः- यदि कोई व्यक्ति अपने देश की नागरिकता को त्याग कर किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त करता है तो उससे नागरिकता मिल जाती है। यह संबंधित राज्य पर निर्भर करता है कि वह नागरिकता प्रदान करने वाले आवेदन को स्वीकार करे अथवा नहीं।


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नागरिकता को त्यागने के तरीके अथवा नागरिकता समाप्ति किस प्रकार होती है?


किसी भी राज्य के नागरिक की नागरिकता निम्नलिखित आधारों पर समाप्त हो सकती है।


1. स्वईच्छा सेः- यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वयं की ईच्छा से देश की नागरिकता को त्याग कर अन्य देश की नागरिकता को अपनाता है तो उसकी नागरिकता का त्याग हो जाता हैं।


2. दुसरे देश की नागरिकता ग्रहण करने सेः- यदि कोई  व्यक्ति दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण करता है तो उसकी देश की नागरिकता स्वतः समाप्त हो जाती है।


3. देश के बाहर लंबी समयावधि तक निवास करने सेः- यदि कोई व्यक्ति स्वदेश स लंबी समयावधि तक दूसरे देश में निवास करता है तो उसकी नागरिकता निश्चित समयावधि के बाद समाप्त हो जाती है।


4. विवाह द्वाराः- यदि किसी महिला के द्वारा दूसरे देश के व्यक्ति से विवाह किया जाता है तो उस महिला की पूर्व देश की नागरिकता समाप्त हो जाती है।


5. देशद्रोह अथवा सेना से भागने परः- यदि कोई व्यक्ति देशद्रोह करता है अथवा सेना से भाग जाता है तो उसकी नागरिकता भी छीनी जा सकती है।


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