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आदर्श नागरिकता का अर्थ, आदर्श नागरिक के गुण, आदर्श नागरिकता के मार्ग में बाधांए, आदर्श नागरिकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं का निराकरण

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आदर्श नागरिकता का अर्थ, आदर्श नागरिक के गुण, आदर्श नागरिकता के मार्ग में बाधांए, आदर्श नागरिकता के मार्ग में आने वाली बाधाओं का निराकरण


" Knowldge with Ishwar"


आदर्श नागरिकताः- 


आदर्श नागरिक ही श्रेष्ठ राज्य का निर्माण कर सकते है। आदर्श नागरिक वह मनुष्य है, जो सार्वजनिक कार्यों में सक्रिय रहता हो, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होता है एवं जो अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तत्पर रहता है। आदर्श नागरिक वह है जो अपनी बुद्धि स्वविवेक द्वारा लिये गये निर्णय अपनी समस्त शक्तियों का प्रयोग  अपने देश के हित में करता है तथा जो अपने देश के प्रति वफादार हो।


" Knowldge with Ishwar"


आर्दश नागरिक की परिभाषाः- 


1. लार्ड ब्राइस के शब्दों मेः-’’ एक आदर्श नागरिक में बुद्धि,आत्मसंयम तथा अंतःकरण ये गुण होना आवश्यक है, अर्थात आदर्श नागरिक वह है जो अपनी बुद्धि व शक्तियो का उपयोग राज्य को लाभ हेतु करता है। अपने छोटे छोटे हित तथा स्वार्थ त्यागने की भावना उसमें मुख्य रूप से होनी चाहिए।

2. व्हाइट के अनुसार:- ’’एक आदर्श नागरिक मे व्यावहारिक बुद्धि, ज्ञान तथा भक्ति ये तीन गुण आवश्यक है।’’


" Knowldge with Ishwar"


आदर्श नागरिकता के गुण/ विशेषतांए/ तत्वः-


1. चरित्रवानः- 


आदर्श नागरिक के रूप में व्यक्ति को सच्चा एवं इमानदार होना चाहिए। जो निडर हो एवं जिसमें दृढता हो। जो सिद्धातों पर अटल रहने वाला हो। वही आदर्श नागरिक है।


2. वैचारिक उदारताः


व्यक्ति को उदार व्यवहार वाला होना चाहिए जिससे वह आवश्यक सामांजस्य स्थापित कर सके । ऐसा व्यक्ति ही आदर्श नागरिक है।


3. शिष्टताः- 


व्यक्ति में अच्छी आदतें होनी चाहिए। सभी से विनम्रता पूर्वक व्यवहार करने वाला होना चाहिए। यही सभ्यता और शिष्टाचार का प्रतिक है। जो आदर्श नागरिक का गुण है।


4. स्वविवेक से निर्णयः-


यदि व्यक्ति अपनी बुद्धि के द्वारा स्वविवेक से उचित और अनुचित परिस्थिति को भांपकर निर्णय  करने की क्षमता होनी चाहिए। ऐसा व्यक्ति ही आदर्श नागरिक कहलाता है।


5. सार्वजनिक क्षेत्र के प्रति रूचिः- 


आदर्श नागरिक वह है जो सार्वजनिक क्षेत्र अर्थात राज्य और समाज के प्रति रूचि रखते हो।


6. अधिकार एवं कर्तव्यों का ज्ञानः-


आदर्श नागरिक को अपने अधिकारो के प्रति सजग होना चाहिए एव जो अपने कर्तव्यो के प्रति निष्ठा रखते हो एवं उनका सजगता से पालन करता हो।


7. आर्थिक सक्षमताः- 


व्यक्ति को आर्थिक रूप से भी संपन्न होना चाहिए।


8. जनकल्याण की भावनाः- 


आदर्श नागरिक को स्वार्थी नहीं होना चाहिए। आदर्श नागरिक में जनकल्याण की भावना होनी चाहिए। जो कमजोर वर्ग की यथोचित सहायता करता हो।


9. राजनीतिक चेतनाः-


आदर्श नागरिक में राजनीतिक चेतना होनी चाहिए। जो राजनीति मे बढचढकर हिस्सा लेता हो और जो सही प्रतिनिधी का चुनने में सहयोग प्रदान करता हो।


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" Knowldge with Ishwar"


आदर्श नागरिक के मार्ग में आने वाली बाधांएः-


1.  अज्ञानताः- 


शिक्षित एवं समझदार व्यक्ति ही सही एवं गलत का निर्णय कर सकता है। अशिक्षित एवं अज्ञानी व्यक्ति न तो स्वयं का विकास कर सकता है और नही राष्ट्र की प्रगति में सहायक हो सकता है।


2. गरीबीः- 


जब कोई व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पाते है तो  वे समाज विरोधी कार्य करने लग जाते हैं। जिससे संघर्ष की भावना उत्पन्न हो जाती हैं।


3. संकीर्ण राजनीतिः- 


 अपनी स्वार्थ की पूर्ती के लिए विभिन्न राजनीतिक दल भोले भाले नागरिको को भाषा, जाति, धर्म क्षेत्रीयता आदि के द्वारा गुमराह करतें हैं ।


4. अकर्मण्यताः- 


अकर्मण्य कोई भी कार्य पसंद नहीं करते है। और अपने कर्तव्यपालन करने से दूर रहते हैं। ऐस व्यक्तियों की अकर्मण्यता के कारण ये समाज व देश के प्रति उदासिन रहते हैं। और यह शासन में बढचढकर हिस्सा नहीं लेते हैं।

5. भ्रष्टाचारः- 


शासन के कर्मचारियांे मंत्रियों सरकारी अधिकारियों का भ्रष्ट होना आदि ऐसे कारण होते हैं जिससे नागरिक के चरित्र पर प्रभाव डालते हैं।


6. उग्र राष्ट्रीयता की भावनाः-


यह नागरिकांे की मनोवृत्ति को संकीर्ण बनाती है। तथा यह विश्व बंधुत्व के मार्ग में रोडा है।


" Knowldge with Ishwar"


आदर्श नागरिकता मे आने वाली बाधाओं का निवारणः-


1. अच्छी शिक्षा व्यवस्थाः- 


देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। जिससे व्यक्ति अपने कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रंित सजग हो पायेगा एवं इससे आदर्श नागरिक का विकास होगा।


2. कल्याणकारी शासन व्यवस्थाः-


देश के शासन का उद्देश्य नागरिको को लाभ पहुंचाना होना चाहिए। राज्य को अधिकाधिक लोक कल्याणारी कार्य करने चाहिए। जिससे जनता की प्र्रगति हो सके।


3. नैतिक प्रगतिः-


राज्य के नागरिको के द्वारा परिवार एवं शिक्षण संस्थाओं के द्वारा लोगें मे सुसंस्कार स्थापित किये जाने चाहिए। जैसे प्रेम अनुशासन, सहयोग की भावना,  सहिष्णुता, धर्म-निरपेक्षता आदि । जिसके द्वारा व्यक्ति एक अच्छा नागरिक बन सकता है।


4. आर्थिक समानताः- 


सभी व्यक्तियो की न्यूनतम आवश्यकतांए जैसे भोजन वस्त आवास शिक्षा स्वास्थ्य आदि की पूर्ति शासन के द्वारा आसानी से की जानी चाहिए। सरकार के द्वारा आर्थीक भेदभाव को कम किया जाना चाहिए।


5. शुद्ध राजनीतिक दलः


देश के राजनीतिक दलों को दल हित को छोडकर राष्ट्रीय हित को अधिक महत्व देना चाहिए। दूसरी और नागरिकों में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक समस्याओं को स्वविवेक से सुलझाने की क्षमता होनी चाहिए।

6. निष्पक्ष संचार माध्यमः-


संचार माध्यमों को निष्पक्ष होना चाहिए। उनके द्वारा सही एवं बिना किसी भेदभाव के सही जानकारी जनता को  प्रदान करनी चाहिए। जिससे नागरिक सही एवं गलत में अंतर को ज्ञात कर सके।


7. कुरीतियो और रूढियों की समाप्तिः-


प्राचीन रूढियांे, कुरीतियों , अंधविश्वासों को समाप्त किया जानाा चाहिए। नागरिकों को जाति पाति, उंच निच, छुआछुत की भावना आदि को समाप्त कर देना चाहिए। इससे अच्छे नागरिक विकसित होंगें।


8. कर्तव्यनिष्ठः- 


स्थान शासन की संस्थाओं का प्रबंध स्थानीय नागरिकों के द्वारा किया जाना चाहिए जिससे उन्हें जिम्मेदारी का बोध होगा तथा वह अकर्मण्यता का त्याग कर कर्मण्य बनेंगें।


9. मानवता की भावनाः- 


आदर्श नागरिकता के मार्ग मे पूॅजीवाद, साम्राज्यवाद, उग्र राष्ट्रवाद की भावना रूकावट डालती है। अतः इन बुराइयों को त्याग कर मानवता का विकास किया जाना चाहिए एवं विश्वबंधुत्व की भावना को अपनाना चाहिए।


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