header ads

राष्ट्रीयता का अर्थ और परिभाषाः- rastriyata ka arth or paribhasha

राष्ट्रीयता का अर्थ और परिभाषाः- rastriyata ka arth or paribhasha



 राष्ट्रीयता का अर्थ और परिभाषाः- rastriyata ka arth or paribhasha


राष्ट्रीयता का अर्थः


राष्ट्रीयता शब्द की उत्पति अंग्रजी भाषा के (Nationality)नेशनलिटी शब्द से हुई है जिसे लेटिन भाषा के(Natus) नेटस शब्द  से लिया गया है। जिसका लेटिन भाषा में अर्थ जन्म या नस्ल की एकता के रूप में निकाला जाता है।


वैधानिक दृष्टिकोण से राष्ट्रीयता का अर्थ यह है कि राष्ट्रीयता राज्य की सदस्यता को समझा जाता है, तथा तात्विक दृष्टि के आधार पर राष्ट्रीयता को वह एकानुभूति समझा जाता है जो भोगोलिक, ऐतिहासिक, नस्ल संबंधी, सांस्कृतिक रूप में एवं अन्य ऐसे ही बंधनों से उत्पन्न होती है। राष्ट्र से संबंधित भाव ही राष्ट्रीयता के रूप में सामने आता है। कुछ तत्वों के माध्यम द्वारा मानव सहनिवास से किसी जनसमूह में एकता की अनुभूति उत्पन्न होती है, वह राष्ट्रीयता कहलाती है और जिस जनसमूह मे यह भावना उत्पन्न होती है, उसे राष्ट्र कहते हैं। 


 राष्ट्रीयता का अर्थ और परिभाषाः- rastriyata ka arth or paribhasha



राष्ट्रीयता की परिभाषाः-


1.  रिचार्ड डब्ल्यू. एफ. फ्योरेनो के अनुसार- ’’राष्ट्रीयता’’ का प्रयोग मोटे रूप में कभी कभी यद्यपि रक्त संबंध के प्रसंग में किया जाता है, तथापि शुद्ध कानूनी अर्थ के अनुसार इन दोनों में कोई आवश्यक संबंध नहीं है।


2. सी. डी. बर्न्स के शब्दों में- ’’ राष्ट्रीयता एक भावनात्मक राजनीतिक मान्यता है जो प्रत्यक्ष रूप से शक्ति संघर्ष से संबंधीत है तथा राज्यों की विशिष्टता को स्वीकार करती है, शासन व कानून को मान्यता देती है और सामान्य आदर्शों एवं विश्वास के आधार पर एक समूह को दूसरे समूह से पृथक करती है।’’


3. प्रो जिमर्न महोदय के शब्दों में- ’’ राष्ट्रीयता मेरे लिए एक राजनीतिक प्रश्न बिल्कुल नहीं है,यह मुख्यतया एवं अनिवार्यतः एक आध्यात्मिक प्रश्न है। राष्ट्रीयता धर्म की भांति व्यक्तिगत है, मनोवैज्ञानिक है, एक मानसिक स्थिति है तथा अनुभव करने, विचार करने और रहनें का एक तरीका है।’’


4. गिलक्राइस्ट के अनुसार- ’’ राष्ट्रीयता एक आध्यात्मिक भावना या सिद्धांत है जिसकी उत्पति उन लोगों में होती है जो साधारणतः एक जाति के होते हैं, एक भूखण्ड पर रहतें हैं। जिनकी एक भाषा, एक धर्म, एक इतिहास, एक सी परपरांए तथा सामान्य हित हैं एवं जिनके एक से राजनीतिक समूदाय और राजनीतिक  एकता के  एक से आदर्श होतें हैं।’’



5. डॉ. बेनीप्रसाद ने लिखा है कि- ’’ राष्ट्रीयता की निश्चित परिभाषा कठिन है, परंतु यह स्पष्ट है कि ऐतिहासिक गतिविधी में यह पृथक अस्तित्व की उस चेतना की प्रतिक है जो सामान्य आदतों, परंपरागत रीति रिवाजों, स्मृतियों, आकांक्षाओ, कुछ अवर्णनीय सांस्कृतिक सामान्यताओं और हितों पर आधारित है।’’


6. ब्रुवेकर महोदय के अनुसार- ’’ राष्ट्रीयता साधारण रूप से देश प्रेम की अपेक्षा देश भक्ति के अधिक व्यापक क्षेत्र की और संकेत करती है। राष्ट्रीयता में स्थान के संबंध के अलावा, प्रजाति, भाषा, इतिहास, संस्कृति और परंपराओं  के भी संबंध आ जाते है।’’


इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीयता राष्ट्र  के लोगों में उत्पन्न होने वाली परस्पर बंधुत्व की भावना है।


"knowledge with ishwar"


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ