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गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?

गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?

गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?

ग्रह किसे कहते हैं इसकी परिभाषा और प्रकार what si planet in hindi, grah kise kahate hai, graho ke prakar, graho ke bare me rochak jankari , गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ? गृह कितने हैं? प्रार्थीव ग्रह किसे कहते हैं? ग्रह के नाम, सूर्य से गृहों का क्रम


Table of contents:-

1.  ग्रह किसे कहते हैं।

2.  IAU  की परिभाषा।

3.  बुध ( Mercury )

4.  शुक्र ( Venus )

5,  पृथ्वी (Earth) 

6.  मंगल (Mars)

7.  बृहस्पति (Jupiter)

8.  शनि (Saturn)

9.  अरूण (urenus)

10. वरूण ( Neptune)

11. ध्यान देने योग्य बातें

12. निष्कर्ष


नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है हमारी नयी ब्लॉग पोस्ट पर इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले है सौरमंडल किसे कहतें है गृह किसे कहते हैं? ग्रहों के बारे में विस्तार से जानकारी आदि तथा इनसे सबंधित सभी तथ्यों का विस्तार  से अध्ययन इस पोस्ट के माध्यम से करने वाले हैं तो दोस्तों इसके लिए आपको कुछ नहीं करना है। इस पोस्ट को आखीरी तक पढ़ना है। जिसे पढकर आपके ग्रहों से रिलेटेड सभी कांसेप्ट क्लीयर हो जायेंगें।



1.  ग्रह किसे कहते हैं। 


1. सूर्य या किसी अन्य तारे के चारो ओर परिक्रमा करने वाले खगोलिय पिंड ग्रह कहलाते हैं।


2. यह दीर्घवृत्ताकार कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा चट्टान और धात्विक खनिज के बने होते हैं। 


3. यह प्रकाश हिन होते हैं तथा सबंधित तारे से प्राप्त परावर्तीत प्रकाश से यह ग्रह चमकते हैं।


4. हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है।


1. बुध, शुक्र,  प्रथ्वी , मंगल, ब्रहस्पति, शनि, वरूण, अरूण


2. शेष सभी ग्रह पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर अर्थात वामावर्त या एंटी क्लोकवाइज परिक्रमण करते हैं।


3. शुक्र व अरूण पूर्व से पश्चिम दिशा अर्थात क्लोकवाइज या दक्षिणावर्त दिशा में परिक्रमण करते हैं। इस प्रकार से शुक्र व अरूण (युरेनस) इसके अपवाद हैं।


4. ग्रहों का परिक्रमण काल सूर्य के सापेक्ष उनकी दुरी पर निर्भर करता है।


5. ग्रह दो प्रकार के होते हैं- प्रार्थीव या प्राथमीक ग्रह, जोवियन या बाह्य ग्रह।



एक बात यहां उल्लेखनीय है कि ग्रहों का स्वयं का प्रकाश नही होता है तथा वह दुसरे तारों केे प्रकाश से ऊष्मा व प्रकाश ग्रहण करते रहते हैं।



तो दोस्तों आगे बढ़ने से पहले हम उस परिभाषा को भी पढ़ लेते हैं जिसे अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ के द्वारा दी गई है। 


अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ ( इंटरनेशनल एस्ट्रोनोमिकल युनियन आई.ए.यु.)  की एक सभा जो प्राग सम्मेलन (2006) के नाम से संबोधित की जाती है। यह 26 वी बैठक थी जो कि चैक गणराज्य के प्राग में हुई थी। इसमें ग्रह, उपग्रह या बौने ग्रह से संबंधित एक परिभाषा दी गई जिससे यह पता चल सके की कोई भी खगोलिय पिंड को कब ग्रह या उपग्रह या बौना ग्रह माना जा सकता है। 


तो दोस्तों आईये हम उस परिभाषा पर भी अपनी नजर डाल लेतें हैंः-


2.  अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ:-



अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ ( इंटरनेशनल एस्ट्रोनोमिकल युनियन आई.ए.यु.) प्राग सम्मेलन (2006)


सौरमंडल में ग्रह वह खगोलिय पिंड है जोः


1. जो सूर्य के चारो और परिक्रमा करता हो।


2. जिसके पास एक गोल आकार को ग्रहण करने के लिए पर्याप्त मात्रा में द्रव्यमान हो।


3. जो एक निश्चित कक्षा में परिक्रमा करता हो तथा अपनी कक्षा का प्रमुख गुरूत्वाकर्षण पिंड हो अर्थात सदैव अपनी कक्षा में रहे । जिसके आस पास का क्षैत्र साफ हो यानि अन्य खगोलिय पिंडों की भिड़ भाड़ न हो।


इस प्रकार से प्लुटो उपर्युक्त दो मानदंड़ो की पूर्ति करता है परंतु तीसरे मानदंड की पूर्ति करने में असमर्थ है अतएव उपर्युक्त मानदंड के अभाव में प्लूटो एक बोना ग्रह है। 

 


तो आइए अब हम जान लेते हैं। ग्रहों के प्रकार:-


1. आंतरिक या प्रार्थिव ग्रह:-


बुध, शुक्र प्रथ्वी तथा मंगल को आंतरिक या प्रार्थीव ग्रह कहा जाता है क्योंकि ये प्रथ्वी के समान दृश्यमान है। 


साथ ही हम क्षुद्रग्रहों की पेटी (जो मंगल व ब्रहस्पति के मध्य होती है) को प्रार्थीव व बाह्य ग्रहों की सिमा मान सकते हैं। 


सुर्य की ओर से बडते क्रम में क्षुद्रग्रहों की पेटी तक के ग्रहों को प्रार्थीव ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों के धरातल सामान्य रूप से भू पर्पटी व चटटानी परत के होते है। साथ ही इन ग्रहों का क्रोड भारी धातुओं से बना हुआ होता है। 



2. बृहस्पतीय या बाह्य ग्रहः-


  बृहस्पति , शनि , अरूण तथा वरूण को बाह्य ग्रह कहते हैं। 


यह ग्रह तीन प्रकार से बने होते हैं। 


1. गैसीय ग्रह- बृहस्पति ग्रह, 2. बर्फीले ग्रह- अरूण तथा वरूण 3. बौने ग्रह- प्लुटो, मेकमेक, एरिस, चेरॉन, 2003 युबी 313 प्रमुख है। 


ये ग्रह हल्के पदार्थो के बने होते हैं तथा इनका आकार बड़ा होता है। 


सामान्य तौर पर हम क्षुद्रग्रह की पेटी से शुरू होने वाले ग्रहों को बाह्य ग्रहों की श्रेणी में रखते हैं। 


चलिए हम अब प्रत्येक ग्रह के बारे में विस्तार से चर्चा करते है। 


गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?


3.   बुध (mercury) :-


 1. बुध सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह, सुर्य के सबसे निकट का ग्रह तथा सौरमंडल का दुसरा सर्वाधिक गर्म ग्रह है। 


2. इस ग्रह का अभी तक ज्ञात खोजों में कोई उपग्रह नहीं है। 


3. इस ग्रह का परिक्रमण काल - 88 दिन है। अतः सूर्य की न्युनतम समय में परिक्रमा करने वाला ग्रह बुध है। 


4. चुंबकीय क्षेत्र बुध ग्रह का एक विशिष्ट गुण है। 


5. बुध सर्वाधिक कक्षीय गति वाला ग्रह है अर्थात यह तीव्रतम परिक्रमण करता है। जो कि 47.87 किमी प्रति सेकेंड है। 


6. बुध में सर्वाधिक तापांतर पाया जाता है। यहां का दिन अति गर्म तथा रातें अति बर्फीली व ठंडी होती है। यहां रात का तापमान -173 डिग्री सेंटिग्रेड तथा दिन में 427 डिग्री सेंटीग्रेट हो जाता है। इसका तापांतर सभी ग्रहों में सबसे अधिक (600 डिग्री सेंटीग्रेट) है। 


7. यह अपने अक्ष  के चारो ओर 59 दिन में चक्कर लगाता है। 


8. इस ग्रह को यूनानी भाषा में अपोली भी कहा जाता है। बुध एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर इसके नाम अर्थात मर्करी नाम का खनिज पाया जाता है। 


9. बुध पर चंद्रमा के समान बडे़ बड़े पहाड़ व क्रेटर है।  बुध परिणाम में प्रथ्वी का 18 वां भाग तथा बुध का गुरूत्वाकर्षण प्रथ्वी का 3/8 है। 


बुध ग्रह के मिशन:-

1. Mariner 10 (1974) & MESSENGER (NASA)

2. Bepi Colombo (ESA-JAXA)

3. Mio (JAXA)




4.   शुक्र ग्रह (Venus)


1. शुक्र ग्रह सुर्य की परिक्रमा करने मे 225 दिन का समय लेता है। शुक्र ग्रह अन्य ग्रहों के विपरित सूर्य की परिक्रमा क्लोकवाइज या दक्षिणावर्त दिशा में करता है। 


2. शुक्र अपने अक्ष के चारो ओर चक्कर लगाने में 243 दिन का समय लेता है। जो कि सर्वाधिक घूर्णन काल है। 


3. चंद्रमा के बाद यह राखि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। 


4. सबसे चमकीला ग्रह - इसे सांझ या भोर का तारा भी कहा जाता है। यह शाम में पश्चिम दिशा में तथा सुबह में पूर्व दिशा में दिखाई पड़ता है। 


5.  शुक्र ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।


6. समान आकार, समान व्यास, समान गुरूत्वाकर्षण और संरचना के कारण इसे प्रथ्वी की बहन या प्रथ्वी का भगिनी ग्रह या प्रथ्वी का जुडवा ग्रह भी कहा जाता है। 


7. शुक्र प्रथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह तथा अधिक ऊर्जा और तापमान तथा अधिकतम परावर्तन के कारण सर्वाधिक चमकीला ग्रह है। 


8. इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों में सघनतम है और अधिकांशतः कार्बन डाई आक्साइड से बना है। यह सोरमंडल का सर्वाधिक गर्म ग्रह है। अतः इसे प्रेशर कुकर सदृश्य ग्रह भी कहा जाता है। 



शुक्र मिशनः-

1. Mariner 2 & Mariner 5 (NASA)

2. Venera (USSR)

3. Cassini (NASA+ ESA + ASI)

4. ShuKrayaan-1 (ISRO-2023

 


5.  प्रथ्वी ग्रह (Earth) :-


 यह सुर्य से दुरी के अनुसार तीसरा ग्रह  व आकार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह हैं।  यह सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्र्रह है जिस पर जीवन संभव है क्योंकि यह गोल्डी लॉक्स जोन में स्थित है। 


अगले आर्टीकल में प्रथ्वी के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। 


प्रथ्वी ग्रह  के बारे में विस्तृत रूप से जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें। 

6.  मंगल ग्रह (Mars) :-


1. मंगल ग्रह का परिक्रमण काल- 687 दिन है। 


2. मंगल ग्रह बुध के बाद दुसरा सबसे छोटा ग्रह है। 


3. मंगल ग्रह आयरन आक्साइड की अधिकता के कारण लाल रंग का दिखाई पड़ता है। इसलिए इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है। 


4. मंगल ग्रह के दो उपग्रह है फोबोस और डिमोस (सबसे छोटा उपग्रह)


5. सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंपिया और सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलम्पस मोन्स मंगल ग्रह पर है।


6. सौरमंडल का सबसे बड़ा कैनियन- वैलेस-मैरीनेरिस  भी मंगल ग्रह पर है। 


7.  यूनान के प्राचीन निवासी मंगल ग्रह का लाल रंग हाऐने के कारण मंगल ग्रह को युद्ध का देवता ऐरस मानते हैं। 


8. मंगल ग्रह पर प्रथ्वी के समान दो धु्रव है साथ यही मंगल ग्रह पर प्रथ्वी के समान ही ऋतु परिवर्तन होता है। 


9. मंगल ग्र्रह अपनी कक्षा पर 25 डिग्री कोण पर झुका हुआ है। इसे प्रथ्वी का छोटा भाई भी कहा जाता है। 


10. मंगल ग्रह 24 घंटे में अपने अक्ष पर एक चक्कर पुरा करता है। 


मंगल मिशनः-

1- BY NASA

1, मार्स ओडेसी

2. क्यूरियोसिटी रोवर

3. इनसाइट मिशन

4. MAVEN 

2- MANGALYAAN

1. MOM (15 November 2013)

2. shree harikota (PSLV-C 25)

3. 24 september 2014 land on mangal

4. VSSR- ESA - NASA- ISRO

  


गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?


7.  बृहस्पति ग्रह (Jupiter) :-


1. यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।


2. बृहस्पति ग्रह जिसे अंग्रजी में जुपीटर कहा जाता है। सुर्य की एक परिक्रमा करने में 11.862 वर्ष का समय लेता है। 


3. ब्रहस्पति ग्रह एक चौथाई हिलीयम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है। इसमें मिथेन व अमोनिया नामक गैसे भी पाई जाती है। 


4. बृहस्पति ग्रह अपने अक्ष पर घूर्णन करने में 10 घंटे (नो घंटा और 55 मिनिट) का समय लेता है जो सभी ग्रहों में सबसे कम है । 


5. बृहस्पति ग्रह के 79 ज्ञात उपग्रह अर्थात चंद्रमा है।


6.  जिनमें गैलिलियो गैलिलि के द्वारा 4 उपग्रहों को खोजा गया था। जिनमें सबसे बड़ा उपग्रह गेनिमेड भी शामिल है। इसके अतिरिक्त आई ओ, युरोपा, केलीस्टो को भी गैलिलियों के द्वारा खोजा गया था। 


7. ब्रहस्पति ग्रह पर एक बड़ा धब्बा दिखाई देता है। जो कि धब्बा नही बल्कि बृहस्पति पर चलने वाला स्थायी तुफान है। जो कि वामावर्त दिशा में घुर्णन करता है। इसे ग्रेट रेड स्पॉट के नाम से भी जाना जाता है। यह तुफान प्रथ्वी पर हरिकेन तुफान के समान ही है। बृहस्पति पर यह तुफान पिछले 400 वर्षों से देखा जा रहा है। इस तुफान का आकार हमारी प्रथ्वी के आकार की अपेक्षा दो गुना है। यह तुफान बृहस्पति ग्रह के दक्षिणी गोलार्द्ध में देखा जाता है। 


8. बृहस्पति स्वयं की रेडियो ऊर्जा वाला ग्रह है। इसे लघु सौर तंत्र भी कहा जाता है। साथ ही इसे मास्टर ऑफ गॉडस या देवताओं का गुरू भी कहा जाता है। 


9. बृहस्पति ग्रह का भूमध्यरेखीय व्यास लगभग 1,43,000 किमी है। जो कि प्रथ्वी से लगभग 11 गुना अधिक है।


10. बृहस्पति ग्रह की सूर्य से औसत दुरी लगभग 78 मिलियन किमी है। 


11. बृहस्पति ग्रह पर स्ट्रींग ऑफ पर्ल नाम के तुफान दक्षिण गोलार्द्ध में पाये जाते हैं। जो कि 1986 से दृश्यमान है इनकी संख्या 08 हैै।


12. ब्रहस्पति ग्रह का आंतरिक तापमान 25000 डिग्री सेंटीग्रेट तथा सतही तापमान लगभग 1800 डिग्री सेंटीग्रेट है। 


बृहस्पति मिशन:-

1. Pioneer 10 (1973- NASA)

2. Galileo orbiter (1973- NASA)

3. Cassini ( 2000- NASA+ ESA+ ASI)

4. New Horizon ( 2007-NASA)

5. juno (2016-NASA)

6. Juice (2022- ESA)



8.  शनि ग्रह (Saturn) :-


1. शनि ग्रह का रंग पीला होता है। इसका रंग पीला होना का सर्वप्रमुख कारण अमोनिया क्रिस्टल है। जिसके कारण यह पीले रंग का दिखाई पड़ता है।


2. यह आकार में सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसे बृहस्पति का पिता तथा रोमन देश में कृषि का भगवान भी कहा जाता है। 


3. इसके चारो ओर वलय या रिंग्स पाये जाते है। जिनकी संख्या 7 बताई जाती है। यह ग्रह तीव्र गति से घुर्णन करता है। जिस कारण से यह सौरमण्डल का सर्वाधिक चपटा ग्रह है। 


4. शनि सूर्य की परिक्रमा 29.46 वर्ष में पूर्ण करता है। साथ ही यह अपने अक्ष पर घूर्णन करने में 10.32 घंटे का समय लेता है। 


5. इसका व्यास लगभग 1,20,000 किमी तथा इसकी सूर्य से दुरी 143 करोड़ किमी है। 


6. इसके अभी तक 82 ज्ञात उपग्रह है। इस प्रकार यह सौरमंडल में सबसे ज्यादा उपग्रह वाला ग्रह है। 


7. टाईटनः- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह और सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है। प्रथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलिय पिंड है। जिसके तरल स्थानों जैसे नहरों, सागरों आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हैं।


8. शनि को गैलिलियों के द्वारा खोजा गया था। इसका घनत्व सभी ग्रहो, आकाशीय पिण्डों तथा जल से भी कम है अर्थात जब इसे जल में छोड़ा जाय तो यह तैरने लगेगा।


9. शनि सूर्य से दुरी के अनुसार छठवे नंबर पर आता है। 


10. इस ग्रह के अन्य उपग्रहों में रीया, डीआन, फोबे, टेथिस, एनसीलाड, मीमास हाईपोरियन, इयोपट्स प्रमुख है।

11. फोबे नामक उपग्रह इसकी कक्षा के विपरित दिशा में परिक्रमा करता है।


शनि मिशनः-  

1. Cassini- Huygens mission in 2004


2- Human mission- 

1. pioneer-11 (NASA-1979)

2. cassini huygens (NASA+ ESA+ ASI-2004)

3. Dragonfly (NASA- 2025 titan)



9.  अरूण (urenus)


1. यह आकार में सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है साथ ही द्रव्यमान के आधार पर यह सौरमंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। 


2. 13 मार्च 1781 में विलियम हरशल ने इसकी खोज की। 


3. इस ग्रह का परिक्रमण काल - 84.0205 वर्ष है साथ ही सूर्य से इसकी धुरी 288 करोड़ किमी तथा इस ग्रह का व्यास लगभग 52,098 किमी है तथा अरूण का तापमान  लगभग -215 डिग्री सेल्सियस है। 


4. इसके वायुमंडल में मीथेन गैस की अधिकता के कारण इस ग्रह का रंग हरा है इसलिए इसे हरा ग्रह भी कहा जाता है। 


5. युरेनस अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि यह लेटा हुआ दिखलाई पड़ता है इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है। 


6. युरेनस में नौ वलय और एक मैग्नेटोस्फीयर है। इन नौ वलयों में पांच के नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा एवं इस्पलान है। 


7. इस ग्रह के 27 उपग्रह है- मिरांडा, एरियल, अम्ब्रियल, टाईटेनिया और ओबेरॉन प्रमुख है।


8. अरूण ग्रह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम  की ओर अर्थात दक्षिणावर्त या clockwise घूर्णन करता है। शेष सभी ग्रह वामावर्त दिशा मे घूर्णन करते हैं। इस ग्रह के उपग्रह भी इसी की तरह दक्षिणावर्त दिशा में घूर्णन करते हैं। इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाईटेनिया titania है। 


अरूण मिशनः- Voyager-2 (NASA-1986)

 


10.   वरूण या नेपच्युन ग्रह 


1. यह सौरमंडल में सूर्य से सबसे अधिक दुरी पर स्थित ग्रह है।


2. इस ग्रह का परिक्रमण काल- 164.8 वर्ष तथा इस ग्रह की खोज एक टेलीस्कॉप से जर्मन के खगोलशास्त्री जहान गाले  एवं ले वेरीयर के द्वारा  1846 ई में की गई। 


3. यह सौरमंडल का चौथा बड़ा ग्रह और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। मिथेन के कारण इस ग्रह का रंग हल्का नीला सा दिखाई पड़ता है।


4. इसके अब तक 13 ज्ञात चंद्रमा है। जिनमें सबसे बड़ा चंद्रमा ट्राइटन है। 


5. इसे विशाल हिमखंड या आइस जेंट  Ice giant तथा हिम दानव आदि नामों से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस पर बर्फ की मात्रा अधिक है। साथ ही इसमें हाइड्रोजन की प्रधानता है। 


वरूण मिशन:- Voyager 2 (NASA-1986)



11.  ध्यान देने योग्य बातेः-


आकार के अनुसार ग्रह का क्रम (घटते क्रम में)- बृहस्पति, शनि, अरूण , वरूण, प्रथ्वी, शुक्र, मंगल एवं बुध। 


इस प्रकार सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति तथा सबसे छोटा ग्रह बुध होगा।


घनत्व के आधार पर ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में)- शनि, अरूण, बृहस्पति, नेपच्युन मंगल एवं शुक्र ग्रह।


इस प्रकार सबसे कम घनत्व शनि का तथा सबसे अधिक घनत्व वाला ग्रह शुक्र ग्रह होगा।


सूर्य से दुरी के अनुसार ग्रहों का क्रम (घटते क्रम में)- बुध, शुक्र, प्रथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरूण व वरूण ।


इस प्रकार सुर्य के सबसे पास का ग्रह बुध तथा सबसे दुर का ग्रह वरूण होगा।


द्रव्यमान के आधार पर ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में)- बुध, मंगल, शुक्र, प्रथ्वी, अरूण, वरूण, शनि एवं बृहस्पति। 


इस प्रकार सबसे कम द्रव्यमान बुध ग्रह का तथा सबसे अधिक द्रव्यमान वाला ग्रह बृहस्पति होगा।


परिक्रमण काल के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में)- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, , शनि अरूण व वरूण।


परिभ्रमण काल के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में)- बृहस्पति, शनि, वरूण, अरूण, प्रथ्वी, मंगल, बुध एवं शुक्र।


अपने अक्ष पर झुकाव के आधार पर ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में)- शुक्र, बृहस्पति, बुध, प्रथ्वी, मंगल, शनि,  वरूण एवं अरूण

 

ग्रह (planet) 

घूर्णन (rotation)     

परिक्रमण (revolution   ) 

 बुध  (mercury)

58.8     दिन

88  दिन

 शुक्र(venus)

243.7 दिन  (highest) 

224.7 दिन

 प्रथ्वी(Earth)

23 घंटे 56 मिनिट

365.24  दिन

 मंगल (mars)

24.623 घंटे

686.98  दिन

 बृहस्पति (Jupitar)

9.55  घंटे (Lowest) 

11.86 वर्ष

 शनि(Saturn)

10.32  घंटे

29.46  वर्ष

 अरूण (urenus)

17.24  घंटे

84.02 वर्ष

वरूण (neptune)

16.11  घंटे

164.79 वर्ष

 


गृहों के बारे में विस्तृत जानकारी, what is planets ?



12.  निष्कर्ष

आशा करता हॅु दोस्तों आपको हमारे द्वारा बतायी गई जानकारी पसंद आयी होगी  और उम्मीद करता हॅु इस जानकारी को प्राप्त कर आप किसी भी परिक्षा में इस पोस्ट में बताये गये टॉपीक्स से संबंधित किसी भी प्रश्न का आसानी से जवाब दे पायेंगंे।

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