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आकाशगंगा किसे कहते है? what is galaxy ?

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आकाशगंगा किसे कहते है? what is galaxy ? 


आकाशगंगा किसे कहते है? what is galaxy ?




नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज के ब्लॉग मे हम आपको बताने वाले है भूगोल के टॉपीक से रिलेटेड एक और जबरदस्त आर्टीकल जिसे पढ़कर आप किसी भी परिक्षा में आकाशगंगा से संबंधित किसी भी सवाल का आसानी से जवाब दे पायेंगें। इसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना है। तो चलिए दोस्तो शुरूआत करते हैं आज के इस मजेदार ब्लॉग की।


आकाशगंगा किसे कहते है?


आकाशगंगा या मंदाकिनीः- 


तारों का ऐसा समूह है जो धुधला सा दिखाई पढ़ता है तथा जो तारा निर्माण  प्रक्रिया की शुरूआत गैसपुंज है। हमारा ब्रह्मंाड करोड़ों मंदाकिनियों या आकाशगंगाओं से मिलकर बना है। हमारी आकाशगंगा को सबसे पहले गैलीलियों ने देखा था।


गेलेक्सी शब्द की उत्पति प्राचीन ग्रीक शब्द  Galaxies से हुई है जिसका अर्थ है एक मिल्की सर्कल milky circle या सफेद रंग का चक्र। 


 अभी तक नवीनतम ज्ञात मंदाकिनी /आकाशगंगा है- डवार्फ मंदाकिनी dwarf galaxy 


आकाशगंगा।

आकाशगंगा किसे कहते है? what is galaxy ? 


1. आकाशगंगा एक ऐसा विशाल पुंज है जिसमें असंख्य तारे समाहित है। इसमें एक केंद्रिय बल्ज तथा 3 घूर्णनशील भुजायें होती है। हमारा सौरमंडल जिस भुजा में स्थित है । उसे ओरियन शाखा कहते हैं।

2. ब्रह्मांड में लगभग 100 अरब आकाशगंगायें है।

3. आकाशगंगा में 98 प्रतिशत तारें तथा 2 प्रतिशत धुल कण आदि होते हैं।

4. हमारी आकाशगंगा दुग्ध मेखला या मिल्की वे Milky way के नाम से जानी जाती है। जो की एक सर्पीलाकार आकाशगंगा है।

5. हमारी आकाशगंगा के सबसे पास में स्थित आकाशगंगा एंड्रोमेडा या देवयानी आकाशगंगा है। यह आकाशगंगा लगभग 100 से 150 किमी प्रति सेकंड की गति से हमारी आकाशगंगा के समीप आती जा रही है। ऐसा अनुमान है कि 4.5 अरब साल में हमारी आकाशगंगा मिल्की वे और एंड्रोमेडा आकाशगंगा का एक दुसरे में विलय हो जायेगा।

6. हमारी आकाशगंगा 250 मिलियन वर्षों में अपना घुर्णन पुर्ण करती है। ठीक उसी प्रकार सूर्य हमारी आकाशगंगा की एक परिक्रमा 250 मिलियन वर्षों में पूर्ण करता है। 

7. हमारी आकाशगंगा का व्यास लगभग 100,000 प्रकाश वर्ष है। हमारी आकाशगंगा दुग्ध मेखला 12 अरब साल पुरानी मानी जाती है। 

8. हमारा सौरमंडल दुग्ध मेखला के कंेद्र से 27,000 प्रकाश वर्ष दुर है।

9. आकाश गंगा अपने कंेद्र पर वामावर्त या anticlockwise दिशा पर स्वयं का घुर्णन कर रही है। 


आकाशगंगाओं के प्रकारः-


आकाशगंगायों तीन प्रकार की होती है।

1. अनियमित आकाशगंगायें irregular galaxy


 इन आकाशगंगाओं का कोई निश्चित आकार नहीं होता है। इसलिए इन आकाशगंगाओं को अनियमित आकाशगंगायें कहा जाता है। हमारे ब्रह्मांड में ऐसी आकाशगंगायें लगभग 3 प्रतिशत होती है।


2. दीर्घवृत्तीय आकाशगंगायें illiptical galaxy-


 इन आकाशगंगाओं का आकार एक दीर्घ वृत्त के समान होता है। इसलिए इन आकाशगंगाओं को दीर्घवृत्तीय आकाशगंगायेें कहा जाता है। इन आकाशगंगाओं का प्रतिशत लगभग 17 प्रतिशत है।


3. सर्पीलाकार आकाशगंगायें Spiral galaxy-


 इन आकाशगंगाओं का आकार सर्पीलाकार होता है अर्थात Spiral होता है इसलिए इन प्रकार की आकाशगंगाओं को सर्पीलाकार आकाशगंगायें कहा जाता है। इन आकाशगंगाओें का प्रतिशत हमारे ब्रह्मांड  में 80 प्रतिशत है।


हमारे ब्रह्मांड में अनंत छोटी छोटी आकाशगंगायें है जो छोटे छोटे समुहों में आपस में जुड़ी हुई है। हमारी आकाशगंगा जिस समुह के साथ जुड़ी है। उसे सामान्य तौर पर स्थानीय समुह या द लोकल ग्रुप the local group के नाम से संबोधित किया जाता है। 

सबसे बड़ी आकाशगंगा कोन सी है?

आइसी 1101 आकाशगंगा ब्रह्मांड की सबसे बड़ी आकाशगंगगा है। यह हमारी दुग्ध मेखला आकाशगंगा से लगभग 60 गुना अधिक बड़ी है।

नैबुला ( निहारिका ) किसे कहते है?


नैबुला ( निहारिका ) nebula


1. यह एक अत्यधिक प्रकाशमान आकाशीय पिंड है जो गैस एवं धुल कणों से मिलकर बनता है। हमारे ब्रह्मांड में गैस एवं धुल कणों से निर्मीत बहुत बड़ा बादल है।

इसमें हाइड्रोजन एवं हिलीयम गैसों के आपस में टकराकर प्रकाश उत्पन्न होता है। इससे ही तारों का निर्माण होता है। 

हम कह सकते हैं कि नैबुला आकाशगंगाओं का कंेद्र या चक्षु होता है।


ओरीयन नेबुलाः-

हमारी आकाशगंगा का सबसे शीतल और गैसों व धुल कणों का बादल हैै यह प्रथ्वी के सबसे नजदीक है। जिसे हम आसानी से देख सकते हैं। 


नाभिकीय अभिक्रियाएं़

क्र. 

 नाभिकीय विखंडन

 नाभिकीय संलयन

1. 

 नाभिकीय विखण्डन में एक भारी नाभिक दो हल्के नाभिकों में टुट जाता है।

 संलयन में दो हल्के नाभिकों का संयोजन होकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।

 2. 

 विखंडन अभिक्रियाएॅं न्युट्रानों के भारी नाभिकों से टकराने पर होती है।

 इस अभिक्रिया में हल्के परमाणु बहुत अधिक तापमान पर संलयन करते हैं।

 3.

 नाभिकीय विखंडन की क्रियांए बिजली उत्पन्न करने के लिए नियंत्रित की गई है।

 नाभिकीय संलयन से उत्पादित ऊर्जा नाभिकीय विखंडन से कहीं अधिक है।

4. 

नाभिकीय ऊर्जा या परमाणु ऊर्जा या परमाणु बम बनाने में होने वाली तकनीक में नाभिकीय विखंडन का प्रयोग मानव द्वारा किया जाता है। 

नाभिकीय संलयन से ऊर्जा निर्माण  करने के प्रयास मानव द्वारा किये जा रहें हैं किंतु अभी तक सफलता प्राप्त नहीं हो सकी है।

 

5.     


नाभिकीय विखंडन में तारों का निर्माण नहीं होता है। 


 नाभिकीय संलयन में दो हाइड्रोजन मिलकर एक हिलीयम बनाते हैं। तारों में नाभिकीय अभिक्रिया होता है उनमें नाभिकीय संलयन होता है। नाभिकीय संलयन में दो हाइड्रोजन के परमाणु मिलकर एक हिलीयम का निर्माण करते हैैं।  जिनसे ऊर्जा निकलती है। बहुत सारी ऊर्जा के कारण ही यह तारे प्रकाशवान होते हैं।

   

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